Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

20.11.09

कब तक पंगु बना रहेगा कानून ?


मुंबई में शिवसैनिकों और एमएनएस की गुंडागर्दी लगातार जारी है... इन दोनों दलों ने अभी तक ही अपनी काली करतूतों से लोकतंत्र का मजाक उड़ाया है। लेकिन हद तब हो गई जब लोकतंत्र के चौथे स्तंभ माने जाने वाले मीडिया पर भी शिवसैनिकों ने धावा बोल दिया....। .इन दलों की अभी तक की हरकतें साफ बयां कर रही हैं कि आए दिन किस तरह दोनों दल लोकतंत्र, संविधान और कानून को ठोकर मार रहे हैं...। पिछले दिनों एमएनएस ने महाराष्ट्र विधानसभा में मारपीट की....और अब शिवसेना ने मीडिया के दफ्तर पर ही हमला बोल दिया। यानी दोनों दल लोकतंत्र को निशाना बनाने में पीछे नहीं रहना चाहते और इन ओछी हरकतों से क्षेत्रीय सस्ती लोकप्रियता पाना चाहते हैं । अफसोस की बात ये है कि इनके सामने देश का कानून भी पंगु बना हुआ है....। जनता के जरिए लोकतंत्र के दरबार तक पहुंचने वालों ने ही लोकतंत्र को लाचार कर दिया है। ये कभी राष्ट्रभाषा का अपमान करते हैं तो कभी, लोकतंत्र के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले मीडिया पर हमला बोल देते हैं। खुलेआम संविधान और कानून की मर्यादा तार-तार हो रही है। आखिर कब तक कानून इनके आगे पंगु बना रहेगा...सबसे बड़ा सवाल ये है कि.....राष्ट्रभाषा का अपमान करने वाले और सरेआम गुंडागर्दी करने वाली राजनैतिक पार्टियों की मान्यता अभी तक रद्द क्यों नहीं की गई..? इतना ही नहीं, इन दोनों दलों की तरफ से बार बार कहा जाता है कि इनके लिए राष्ट्रीयता से पहले इनके नेता हैं......तो फिर क्यों नहीं इनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाता...? इस लोकतांत्रिक देश के सदन में राष्ट्रभाषा बोलने पर पिटाई कर दी जाती है....देश के लोकतंत्र और राष्ट्रभाषा का इससे बड़ा और अपमान क्या हो सकता है....ऐसे दलों को सदन में बैठने का क्यों दिया गया है...? लोकतंत्र पर बार बार हमला करके भी जब इनका मन नहीं भरा तो उन्होंने खिसियाहट में मीडिया को भी निशाना बना डाला....। और मीडिया को हाईजैक करने की कोशिश की....। वैसे भी इन लोगों को केवल मारपीट की ही भाषा समझ आती है इसलिए बेहतर होगा कि इनसे भी इसी भाषा में बातचीत की जाए....।

सौरभ दुबे, 9210985314

2 comments:

amandeep said...

good evening MR dubey
saurabh, i have gone through with your blog(in your recent article,kab tak pangu bana rahunga). i totally agree with you sir, that our judicial,legislative and executive are the three important body of our consistution. And the media is the fourth pillar.The recent attack on media is something which disgraceful.I also feel the happenings and the act which is done by the so-called shivsainiks didnt feel ashamed of themselves by doing vandalism in office where there personnel are working for the welfare of the people(only voice for the people) .it is pathetic is this due course of time, the state governement didnt take any vigilant action against the consipirators.The sainiks or mns are acknowledging themselves by taking into prey the innocent people which have no role at all. i hope you should raise such sort of issue again
good bye,
take care

pathania said...

सोरभ तुमने सही लिखा है..दरअसल सब वोट बैंक की राजनीति ही है...कोई भी अपने हाथ नहीं जलाना चाहता...न कांग्रेस और न ही दुसरी पार्टियां
उम्मीद है तुम इसी बेबाकी से लिखते रहोगे
मेरी शुभकामनाएं हमेशा तुम्हारे साथ हैं